Sunday, 29 January 2017

प्रेस कॉन्फ्रेंस LIVE: अख‌िलेश ने बताया, गठबंधन में क्यों शाम‌िल नहीं हुईं मायावती

rahul gandhi akhilesh road show in lucknow




कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अख‌िलेश यादव लखनऊ के ताज होटल में हैं। इस मौके पर सपा और कांग्रेस के कई बड़े नेता भी मौजूद हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले राहुल गांधी ने बोलना शुरू क‌िया। उन्होंने कहा क‌ि हमें साथ काम करके खुशी होगी। राहुल के बाद अख‌िलेश ने कहा क‌ि राहुल और हम ‌‌म‌िलकर देश को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
मायावती के ल‌िए राहुल ने कहा, मैं उनका सम्मान करता हूं उनकी ‌व‌िचारधारा से देश को खतरा नहीं है लेक‌िन बीजेपी की व‌िचारधारा से देश को खतरा है। हालांक‌ि राहुल ने ये भी कहा क‌ि बसपा ने काम नहीं क‌िया।

बीजेपी के ख‌िलाफ गठबंधन नें मायावती की पार्टी को क्यों श‌ाम‌िल नहीं क‌िया गया, इस पर अख‌िलेश ने कहा, उनका चुनाव च‌िह्न ही इतना बड़ा है, वो ज‌ितनी जगह मांगती, शायद हम और राहुल उसे न दे पाते। अखिलेश ने मजाक के लहजे में कहा क‌ि उन्हें बहुत दिनों से बुआ भी नहीं किया।

वहीं राहुल ने अखिलेश की तारीफ की और कहा क‌ि अखिलेश की नीयत और उद्देश्य सही है। उन्होंने कहा, कोई नहीं कह सकता कि अखिलेश ने कुछ नहीं किया। राहुल ने कहा क‌ि अब हम मिलकर

अखिलेश ने कहा, सभी जानते हैं क‌ि सरकार ने काम किया है।

27 साल यूपी बेहाल के नारे पर बोले राहुल, कांग्रेस पार्टी का लखनऊ में एक सम्मेलन हुआ था उस सम्मेलन में इसी बारे में कहा था कि अखिलेश अच्छा काम कर रहा है, अच्छा लड़का है लेकिन उसे काम नहीं करने दिया जा रहा। अखिलेश की सोच युवा है इसील‌िए हमने अखिलेश के साथ गठबंधन किया।

राहुल ने कहा, हम गुस्से की राजनीत‌ि को रोकना चाहते हैं इसील‌िए हमने गठबंधन किया है। हम मिलकर लड़ेंगे। यहां युवाओं की सरकार आएगी।

चुनाव लड़ने के ल‌ि दोनों को कम्प्रोमाइज करना पड़ेगा लेकिन यूपी के भविष्य के ल‌िए हम कम्प्रोमाइज करेंगे।

राहुल ने कहा, हम गुस्से की राजनीत‌ि को रोकना चाहते हैं इसील‌िए हमने गठबंधन किया है। हम मिलकर लड़ेंगे। यहां युवाओं की सरकार आएगी।

राहुल ने कहा, यूपी के लोगों को पता लगे क‌ि उत्तर प्रदेश के डीएनए में गुस्सा नहीं है, भाईचारा है, प्यार है जो भी साथ आना चाहे उसका स्वागत है। उन्होंने कहा क‌ि यूपी के डीएनए में गुस्सा नहीं है।

सोनिया और मुलायम के प्रचार करने पर अखिलेश बोले, बड़े नेताओं का आशीर्वाद मिल जाए तो हमारी जीत हो जाएगी। अखिलेश ने कहा, सर्दी, गर्मी, बरसात के बाद भी अच्छे दिन नहीं आए। अखिलेश ने कहा, कांग्रेस से गठबंधन के बाद मजबूती मिलेगी।

बीजेपी की दंगों पर टास्कफोर्स के गठन की घोषणा पर अखिलेश ने कहा क‌ि टास्कफोर्स सबसे पहले उन्हीं को पकड़ेगी।

अमेठी की सीट पर चल रही खींचतान पर राहुल ने कहा क‌ि पार्टी के अंदर की बात है जिसे हम यहां पर साझा नहीं करना चाहते।

प्रियंका के प्रचार करने की बात पर राहुल ने कहा, प्रियंका मेरी बहन हैं और उन्होंने हमेशा मेरी मदद की है। राहुल ने कहा, मैं मायावती का सम्मान करता हूं, उनकी विचारधारा से देश को खतरा नहीं है लेकिन बीजेपी की विचारधारा से देश को खतरा है।

कुछ ही देर में दोनों गठबंधन का स्लोगन जारी करेंगे। इसके बाद दोनों रोड शो में हिस्सा लेंगे। कुल यात्रा 12 किलोमीटर की होगी, जिसमें 7 किलोमीटर के सफर में दोनों ओर घनी मुस्लिम बस्तियां हैं। रोड शो के बाद जनसभा भी मुस्लिम बहुल हुसैनाबाद इलाके में होगी।

उससे पहले संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेता अपनी दोस्ती का स्लोगन भी जारी करेंगे। शनिवार शाम दोनों पार्टियों की ओर से साझे कार्यक्रम का पूरा ब्योरा जारी किया गया।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो एक खास रणनीति के तहत राहुल गांधी और अखिलेश यादव के पहले साझे सार्वजनिक कार्यक्रम में मुस्लिम बहुल इलाकों को केंद्र में रखा गया है। रविवार को दिन में एक बजे गोमतीनगर के एक होटल में राहुल और अखिलेश संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसमें दोनों नेता गठबंधन के उद्देश्यों को सामने रखेंगे। साथ ही दोनों अपने फोटो लगा एक स्लोगन ‘यूपी को यह साथ पसंद है’ लॉन्च करेंगे।

उसके बाद दो बजे जीपीओ स्थित गांधी चौराहे से राहुल और अखिलेश का रोड शो शुरू होगा। यह रोड शो मेफेयर चौराहा (हजरतगंज होते हुए) और नॉवेल्टी चौराहा (लाल बाग) होते हुए मुस्लिम बहुल कैसरबाग इलाके में पहुंचेगा। वहां से नजीराबाद रोड होते हुए अमीनाबाद झंडेवाला पार्क, फिर महिला कॉलेज, मौलवी गंज,
रकाबगंज, नक्खास व अकबरी गेट होते हुए चौक चौराहा, कोनेश्वर चौराहा होते हुए हुसैनाबाद घंटाघर पर आएगा, जहां रोड शो जनसभा में बदल जाएगा। यहां बता दें कि कैसरबाग और उससे आगे रोड शो मुस्लिम बहुल इलाकों से ही गुजरेगा।

इस कार्यक्रम के माध्यम से अवाम को ‘विकास से विजय की ओर’ का संदेश दिया जाएगा। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मदान ने बताया कि रोड शो के दौरान राजधानी में जगह-जगह दोनों नेताओं का धूमधाम के साथ भव्य स्वागत होगा।

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जहां लखनऊ महानगर व जिले के कार्यकर्ताओं की कैबिनेट मंत्री अभिषेक मिश्रा के आवास पर बैठक हुई, वहीं कांग्रेसियों ने भी प्रदेश मुख्यालय पर बैठक कर कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में आने की अपील की। माना जा रहा है कि करीब 12 किलोमीटर के इस रोड शो को पूरा होने में ढाई से तीन घंटे लग जाएंगे।

Friday, 27 January 2017

वैज्ञानिकों का दावा, ट्रंप-पुतिन की वजह से प्रलय का दिन आया और करीब

Trump and Putin's Policies make Symbolic 'Doomsday Clock' moves closer to midnight


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कयामत यानी प्रलय के दिन को और करीब ला दिया है। इस काम में रूस के राष्ट्रपति की भी भागीदारी है। ट्रंप के न्यूक्लियर हथियारों और क्लाइमेट चेंज के मुद्दे को लेकर दिए गए बयानों से दुनिया असुरक्षित हुई है। यह दावा हम नहीं, वह मैगजीन कर रही है, जिसमें दुनिया के दिग्गज वैज्ञानिकों ने 'डूम्स डे क्लॉक' यानी प्रलय के दिन की घड़ी की बातें की हैं। 

अकादमिक पत्रिका 'बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स' से जुड़े वैज्ञानिकों ने गुरुवार को डूम्स डे क्लॉक में वक्त को 30 सेकंड और पहले कर दिया। 

इस पत्रिका को 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु हमले के बाद से प्रकाशित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य न्यूक्लियर और नरसंहार के दूसरे  हथियारों, क्लाइमेंट चेंज, नई तकनीक, बीमारियों आदि की वजह से वैश्विक सुरक्षा पर पड़ने वाले खतरों का अध्ययन करना है।

डू्म्स डे क्लॉक बताती है कि मानव इस ग्रह को खत्म करने के कितने करीब है। इससे पहले इस घड़ी के समय में साल 2015 में फेरबदल किया गया था। तब आधी रात के 12 बजे के समय को तीन मिनट पहले कर कर खिसका दिया गया था। इससे पहले किए गए बदलाव में समय को पांच मिनट पहले किया गया था। अब वैत्रानिकों ने प्रलय के दिन का नया वक्त तय किया गया है, जोकि आधी रात से ढाई मिनट पहले यानी 30 सेकंड और करीब आ गया है।


'अमेरिका तब तक बढ़ाए परमाणु हथियार जब तक दुनिया को अक्ल न आ जाए'


प्रलय के दिन की घड़ी में इस फेरबदल की वजह भी बताई गई है, जो बेहद हैरानी भरी है। वैज्ञानिकों, बुद्धिजीवियों और 15 नोबल पुरस्कार विजेताओं की मानें तो ऐसा करने की वजह पूरे विश्व में कट्टर राष्ट्रवाद का उदय, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की परमाणु हथियारों और जलवायु परिवर्तन को लेकर राय, अत्याधुनिक तकनीकी विकास के चलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य पर गहराया संकट और वैज्ञानिक विशेषज्ञता के प्रति उदासीनता है।

ट्रंप जलवायु परिवर्तन को कई दफा फर्जी मुद्दा बता चुके हैं। कुछ एक बार उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत करने के विचार से भी अवगत कराया। परमाणु शक्ति को लेकर ट्रंप ने दिसंबर में कहा था कि अमेरिका को अपने न्यूक्लियर हथियारों के जखीरे में और इजाफा करना चाहिए। 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी कह चुके हैं कि उनके देश को परमाणु ताकत और बढ़ाने की जरूरत है। पुतिन की बात के जवाब में ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि अमेरिका को अपनी परमाणु क्षमता को इतना मजबूत और विस्तार करना चाहिए जब तक कि दुनिया को परमाणु हथियारों को लेकर अक्ल न आ जाए।

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